मंडरिक (मंडरुवा),MANDRIK (MANDARUA)
मिश्रित तीर्थ क्षेत्र में होने वाले 84 कोशीय परिक्रमा का सातवां पड़ाव स्थल है यहीं पर मांडव ऋषि का आश्रम है , माण्डव ऋषि के नाम पर ही इस स्थान का नाम मांड़रूआ पड़ा। यहाँ पर फाल्गुन मास की सप्तमी को परिक्रमा का पड़ाव पड़ता है ,यहाँ के निवासी साधु संतो के स्वागत सत्कार में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है भंडारा करते हैं हर घर पर उत्सव का वातावरण होता है इस मेले में देश विदेश से लोग आते हैं यहाँ के बाग़ बगीचों में परिक्रमा करने वाले श्रद्धालु रात्रि विश्राम करते हैं रात भर भजन कीर्तन व प्रवचन होते हैं।
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बाल्मीकि आश्रम ,बर्मी |
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बाल्मीकि आश्रम ,बर्मी |
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बाल्मीकि आश्रम ,बर्मी |
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पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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हनुमान मंदिर पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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माँ दुर्गा पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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भगवान शिव जी पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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पंचवटी आश्रम चन्द्रावलि |
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श्रद्धालु गण विश्राम करते हुए |
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श्रद्धालु गण विश्राम करते हुए |
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श्रद्धालु गण विश्राम करते हुए |
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माण्डव ऋषि आश्रम |
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श्रद्धालु गण |
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श्रद्धालु गण |
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स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं की सेवा में |
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श्रद्धालु गण |
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प्रवचन सुनते हुए भक्त |
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रात्रि विश्राम करते हुए भक्त |
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पड़ाव स्थल लाइट व्यवस्था |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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सहसापुर मंदिर |
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